8.सिपाही की मां सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर science sangrahs

 

8. सिपाही की माँ

                 लेखक- मोहन राकेश


लेखक परिचय


  • जन्म 8 जनवरी 1925
  • जन्म स्थान: जंडीवाली गली, अमृतसर, पंजाब
  • निधन 3 दिसम्बर 1972
  • बचपन का नाम - मदन मोहन गुगलानी
  • पिता- करमचंद गुगलानी (वकील)
  • माता- बच्चन कौर
  • शिक्षा- एम० ए० (संस्कृत) लाहौर । ओरिएण्टल कॉलेज, जालन्धर से एम० ए० हिन्दी
  • वृति- 1947 के आस-पास एलफिंस्टन कॉलेज, मुंबई में हिन्दी के प्राध्यापक डी० ए०वी० कॉलेज, जालन्धर में प्रवक्ता
  • 1960 में दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक
  • 1962 में सारिका के सम्पादक
  • कृतियाँ कहानी इन्सान के खंडहर, नये बादल, जानवर और जानवर, एक और जिन्दगी, फौलाद का आकाश, वारिस
  • उपन्यास अँधेरे बंद कमरे, न आनेवाला कल, अन्तराल
  • नाटक आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे अधूरे
  • एकांकी पैर तले की जमीन, अंडे के छिलके
  • यात्रा वृतांत - आखिरी चट्टान तक
  • लेख-निबंध- परिवेश, रंगमंच और शब्द, कुछ और अस्वीकार, नई निगाहो के सवाल, बकलम खुद ।
  • अनुवाद- मृच्छकटिकम्, अभिज्ञानशाकुंतलम्, एक औरत का चेहरा


पाठ का प्रश्न उत्तर


1. विशनी और मुन्त्री को किसकी प्रतीक्षा है, वे डाकिये की राह क्यों देखती है?


उत्तर -  बिशनी को अपने सिपाही पुत्र एवं मुत्री को अपने सिपाही भाई की प्रतीक्षा है। वे डाकिये की राह चिट्ठी के लिए देखती है क्योकि उसने पिछली चिट्ठी में लिखा था कि वे ब्रम्मा की लड़ाई पर जा रहे है। माँ और बेटी उसी चिट्ठी की आस लगाये बैठी है।


2. बिशनी मानक को लड़ाई में क्यों भेजती है ?


उत्तर - मुत्री के विवाह की चिंता के कारण बिशनी मानक को लड़ाई में भेजती है। क्योकि बिशनी के घर की हालत बहुत खराब है, मानक के सिवा घर में कोई कमानेवाला नही है। वैसे भी जिस समाज में बिना दहेज़ के, बिना पैसे के शादी न हो वह समाज कलुष (गन्दा) है।


3. सप्रसंग व्याख्या करे -


(क) यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है।


उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति मोहन राकेश द्वारा रचित 'सिपाही की माँ' से ली गई है। विशनी का पुत्र मानक सेना में सिपाही है । ब्रम्मा में अंग्रेज और जापान के विच युद्ध चल रहा है। विशनी प्रतिदिन मानक की चिट्ठी का इंतजार करती है। इधर मुन्त्री के विवाह की चिंता भी उसे सताए जा रही है। इसी चिंता के क्रम में विशनी एक दिन स्वप्न देखती है कि उसका बेटा मानक फौजी ड्रेस में घायल अब था में उसके पास आया है। वह उसे अपने गोद में बिठा लेती है। मानक ने उससे बताया कि उसका एक दुश्मन सिपाही पीछा कर रहा है। थोड़ी देर में वो सिपाही वहाँ पहुंच जाता है। दोनों एक दुसरे को मारना चाहते है। बिशनी उस सिपाही से मानक को नही मारने की विनती करती है। दुश्मन फौजी को मालूम होता है कि बिशनी मानक की माँ है। इतने में मानक उठकर दुश्मन को मारना चाहता है। इस प्रकार बिशनी बोलती है- "नही मानक, तू इसे नही मार सकता क्योकि यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है। इसकी माँ इसके पीछे रो रो कर पागल हो गयी है। इसके घर में बच्चा होने वाला है। यह मर गया तो इसकी बीबी फांसी लगाकर मर जाएगी।


(ख) वर-घर देखकर ही क्या करनाहै, कुंती? मानक आये तो कुछ हो भी। तुझे पता ही है, आजकल लोगो के हाथ कितने बढे हुए है।


उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति मोहन राकेश द्वारा रचित 'सिपाही की माँ से ली गई है। मुन्त्री की उम्र शादी के योग्य हो गई है। एक दिन बिशनी की पड़ोसन कुंती उसके घर जाती है और मुन्त्री की शादी की बातचीत करती है, और कहती है कि मुत्री बिटिया अब सयानी हो गई है, अच्छा सा घर वर देखकर शादी कर दो। इसपर बिशनी कहती है कि वर-घर देखकर ही क्या करना? मानक तो घर पर है ही नहीं, वो आये तब तो कुछ होगा। वैसे भी आजकल लोगो के हाथ


कितने बढ़े हुए है। अर्थात जब तक मानक नही आएगा तब तक इसकी शादी कैसे होगी? लड़के वाले तो पैसे की मांग करते है।

 

(ग) नही, फौजी वहाँ लड़ने के लिए है, वे नही भाग सकते। जो फ़ौज छोडकर भागता है, उसे गोली मर दी जाती है


उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति मोहन राकेश द्वारा रचित 'सिपाही की माँ' से ली गई है। बिशनी, मुन्नी और कुंती आपस में बैठकर बातचीत कर रही है। इसी बिच में दो नौजवान लड़कियां भिक्षा मांगने के लिए बिशनी के सामने आ जाती है। बातचीत करते-करते पता चलता है कि दोनों लड़कियां ब्रम्मा में होनेवाली लड़ाई से जान बचाकर आयी है। मानक भी ब्रम्मा की लड़ाई में एक फौजी है। तर्क-वितर्क में वो लड़‌कियां यह बताना चाहती है कि ब्रम्मा से कोई फौजी भागकर नही आ सकता और कहती है" नही फौजी वहाँ लड़ने के लिए है। वे नही भाग सकते जो फ़ौज छोडकर भागता है उसे गोली मार दी जाती है।


4. 'भैया मेरे लिए जो कड़े लायेंगे, वे तारो और बंतो के कड़ो से भी अच्छे होंगे न' मुत्री के इस कथन को ध्यान में रखते हुए उसका परिचय आप अपने शब्दों में दीजिये ।


उत्तर- मुत्री और विशनी मानक का इंतजार कर रही है। मानक की चिंता में एक दिन रात्रि में बिशनी स्वप्न देखती है जिसमे मानक घायल थति में विशनी के पास आया है। मानक कहता है कि उसके पीछे कोई दुश्मन फौजी है जो मानक को मारना चाहता है। दुश्मन फौजी और मानक दोनो एक दुसरे को मारना चाहते है। बिशनी दोनों को एक दुसरे को न मारने की विनती करती है तब तक मानक बिशनी को झटका देकर हटा देता है। मानक और फौजी दोनों विलीन हो जाते है और अचानक गोलियां चलने की आवाज और सिपाही के कराहने की आवाज सुनाई देती है। बिशनी चिल्ला उठती है' मानक! मानक ! तब अचानक से मुन्त्री बोलती है 'माँ!, क्या बात है माँ ? विशनी बोलती है- मानक! मुन्त्री कहती है कि तू रोज भईया के सपने देखती हो माँ? भईया जब भी आएगा मेरे लिए कड़े लेकर आएगा और वो कड़ा तारो और बंतो के कड़ो से अच्छा होगा। मुन्त्री एक सिपाही की भाई की प्यारी बहन है जो भईया के चिट्ठी का हमेसा इंतजार करती है। भईया के घर ना होने पर वो अपनी माँ बिशनी का एक मात्र सहारा है।


5. विशनी मानक की माँ है, पर उसमे किसी भी सिपाही की माँ को ढूँढा जा सकता है, कैसे?


उत्तर- इस एकांकी के शीर्षक से यह स्पष्ट होता है कि विशनी केवल मानक की माँ नहीं है, बल्कि वह हर सिपाही

की माँ है। उसे अपने पुत्र मानक की चिंता है लेकिन साथ ही साथ दुसरे के पुत्र का भी उतना ही ख्याल रखती है। स्वप्न में आये मानक और उसके फौजी दुश्मन दोनों से बिशनी आग्रह करती है कि कोई किसी को न मारे। माँ की ममता तो अथाह सागर है जिसका कोई अंत ही नही। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि बिशनी के मातृत्व में किसी भी सिपाही की माँ को ढूँढा जा सकता है। 


6. एकांकी और नाटक में क्या अन्तर है? संक्षेप में बताएं।


उत्तर- एकांकी में चरित्र पुर्णतः विकसित रूप में दिखाया जाता है जबकि नाटक में किसी भी पात्र एवं चरित्र का क्रमशः विकास दिखाया जाता है। एकांकी में केवल एक ही अंक होते है जबकि नाटक में एक से अधिक अंक होते है।


7. आपके विचार से इस एकांकी का सबसे सशक्त पात्र कौन है, और क्यों ? 


उत्तर- हमारे विचार से इस एकांकी का सबसे सशक्त पात्र 'बिशनी' है। यह बात एकांकी के शीर्षक से भी स्पष्ट होता है। इस एकांकी में बिशनी ने समाज को अच्छे सन्देश देती है एक सच्चे देशभक्त की माँ होने का। साथ ही साथ विशनी विषम पर्खि थति से भी लड़ने का सन्देश देती है। वो गरीबी की थति में भी अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे तरीके से कर रही है। इस कलुष समाज से उसका एक ही खेद है कि शादी के लिए दहेज़ लेना। बिशनी दहेज़ की बातो से चिंता जताई है जो कि इस समाज के लिए जागरूकता का सन्देश है। उसमे मानक की तरह हर सिपाही की माँ बनने को ढूँढा जा सकता है।


8. दोनों लड़कियां कौन है?


उत्तर- दोनों लड़‌कियां बर्मा के रंगून शहर की रहने वाली है। बर्मा और जापान में युद्ध शुरू हो चुकी है। वहां बहुत ही भयानकर्म थति उत्पन्न हो गई है। वो दोनों लड़कियां तेरह दिन तक जंगली रास्तो से पैदल चलकर अपनी जान बचाने के लिए विशनी के गाँव आई है।


9. कुंती का परिचय आप किस तरह देंगे?


उत्तर- कुंती, बिशनी की पड़ोसन है। कुंती उदार और व्यवहारिक प्रकृति की है। कुंती मानक के युद्ध में चले जाने के बाद बिशनी को संतोष देती है। वो मुन्त्री की शादी के प्रति भी चिंता जता रही है। वो कहती है कि बिशनदेई मुन्त्री बिटिया अब सयानी हो गई है कोई अच्छा सा घर-वर देखकर मुन्नी के हाथ पीले कर दो। विशनी कहती है कि मानक को तो आने दो, वो आएगा तो अच्छा सा घर वर देखकर इसका व्याह कर दूंगी। क्या पता ? अभी तो लड़ाई भी शुरू हो चुकी है वर्मा में। कुंती इस बात पर भी उसे सांत्वना देती है कि वो जरुर आएगा, घबराओ मत बिशनदेई, दिल हल्का मत करो, वो आएगा।


10. मानक और सिपाही एक दुसरे को क्यों मारना चाहते है ?


उत्तर- मानक वर्मा की लड़ाई में भारत की ओर से अंग्रेजो के साथ लड़ने गया था और दूसरी ओर के पक्ष जापानी थी। सेना एक दुसरे का दुश्मन है क्योकि वे अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करते है। मानक और सिपाही अपने को एक-दुसरे का दुश्मन समझते है इसलिए वे एक-दुसरे को मारना चाहते है।


11. मानक स्वयं को वहशी और जानवर से भी बढ़कर क्यों कहता है ?


उत्तर- मानक स्वयं को वहशी (क्रूर) और जानवर से बढ़कर इसलिए कहता है क्योकि मानक को उसके सामने उसके मुल्क का दुश्मन दिखाई दे रहा है और वो उस दुश्मन को बेरहमी के साथ बुरी तरह से घायल कर दिया है और उसे मारना चाहता है। विशनी के मना करने पर भी मानक अपने आप को नही रोक पाता है। क्योकि उसके अंदर सच्चे देशभक्ति की भावना है। वो अपने सामने अपने मुल्क के दुश्मन को जीवित नही देख सकता अतः अपने आप को वहशी और जानवर से भी बढ़कर कहता है।


12. मुत्री के विवाह की चिंता न होती तो मानक लड़ाई पर न जाता, यह चिता भी किसी लड़ाई से कम नहीं है। क्या आप इस कथन से सहमत है? अपना पक्ष दे ।


उत्तर- हम जानते है कि निम्नमध्यवर्गीय व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी समस्या 'आर्थिक समस्या' होती है। वह मुन्त्री के विवाह की चिंता के कारण ही युद्ध पर जाता है। जिस समाज में बिना दहेज़ के, विना पैसे के शादी न हो वह समाज कलुष है। हमें उस समाज में लड़ना चाहिए। इस सड़े हुए समाज को बदलने के लिए युद्ध के समान ही लड़ना होगा तब जाकर इसका निदान होगा। इसलिए विवाह की चिंता लड़ाई से कम नहीं है।


13. सिपाही के घर की स् थति मानक के घर से भिन्न नहीं है, कैसे? स्पष्ट करे। 

उत्तर- सिपाही की घर की थति मानक के घर से भित्र नही है क्योकि जिस प्रकार मानक की माँ आर्थिक समस्या से लड़ने के लिए मानक को लड़ाई में भेजी है उसी प्रकार उस सिपाही की माँ भी उसे लड़ाई में भेजी है। वो सिपाही भी मानक की तरह गरीब आदमी है। जिस प्रकार मानक के लिए विशनी व्याकूल रहती है, उसी प्रकार उस सिपाही की लिए उसकी माँ भी रो रो कर पागल हो गई है। इधर बिशनी की बहन मुत्री व्याकुल, उधर सिपाही की पत्नी व्याकुल। इस प्रकार सिपाही के घर की थति मानक के घर से भिन्न नही है।











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